Mutual Funds In Hindi म्युचुअल फं ड क्या है?

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आप सभी ने Mutual Funds के बारे में कभी ना कभी तो सुना ही होगा. पर ज्यादातर लोगों को
Mutual Funds के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है. इसी कारण लोक Mutual Funds में इन्वेस्ट करने से
डरते हैं. आज हम आपके लिए Mutual Funds के बारे में पूरी जानकारी लेकर आए हैं.

आपने HDFC mutual funds, Kotak Mahindra Mutual fund, SBI mutual Funds
इत्यादि नाम तो सुने ही होंगे. यह एचडीएफसी ,कोटक, एसबीआई इत्यादि , AMC( Asset Management Company)
कं पननयां है. आसान शब्दों में कहा जाए तो म्युचुअल फं ड्स ऐसेट मैनेजमेंट कंपनिया ऑपरेट करती है.
ऐसेट मैनेजमेंट कंपनिया की Mutual Funds की विविध स्कीम होती हैऔर हर एक स्कीम का एक फं ड
मैनेजर होता है. हम अपनी रिस्क, रिटर्न, इंटरेस्ट और नॉलेज के हिसाब से कोई भी स्कीम चुन सकते हैं.
आप किसी भी एएमसी कंपनी में केवाईसी प्रकिया पूर्ण करकेMutual Funds में निवेश कर सकते है.
आजकल आप किसी भी स्टॉक ब्रोकर के पास Demat Accountओपन करके Mutual Funds में
आसानी से निवेश कर सकते है.

Mutual Funds स्कीम्स कीस एसेट क्लास में निवेश करते हैं उसके आधार पर Mutual Funds का वर्गीकरण किया जाता है.

1) इक्क्वटी फंड (Equity Fund)

2) डेब्ट फंड (Debt Fund)

3) हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund)

4) इक्क्वटी-ओररएंटेड हाइब्रिड फंड (Equity Oriented Hybrid Fund)

5) डेब्ट-ओररएंटेड हाइब्रिड फंड (Debt Oriented Hybrid Fund)

इक्विटी फंड मुख्य रूप से कंपनीज के स्टॉक और सम्बंधित इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं और उच्च जोखिम के साथ संभावित उच्च रिटर्न प्रदान करते हैं. इन फंड्स की शिफारिश आमतौर पर ऐसे निवेशकों के लिए की जाती है जो कम से कम 3-5 वर्ष के दीर्घकालीन निवेश का लक्ष्य रखते है. इश्क्वटी फंड्स को, जिस कंपनियों में वे निवेश करते हैं उन के आकार के आधार पर भी वगीकृत कीया जा सकता है.

डेब्ट फंड्स निश्चित आय सिक्योरिटीज जैसे सरकारी बांड, कंपनी डीबेंचर और अन्य समान उपकरणों में निवेश करते हैं. ये फंड्स सबसे सुरक्षित प्रकार के म्यूचुअल फंड्स में से मानी जाती हैं और अल्प कालीन और दीर्घकालीन निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकती हैं. इक्विटी फंड्स की तरह, डेब्ट फंड्स विभिन्न प्रकारों के होते हैं उनके उतार-चढ़ाव ऋण और मुद्रा बाजार उपकरणों की परिपक्वता अवधि पर आधारित होते हैं, जिस में वे निवेश करते हैं.

हाइब्रिड फंड्स ऐसे निवेश फंड्स होते हैं जो उन के निवेश उद्देशो और अन्य कारकों के आधार पर अनेक संपत्ति वर्गों के बीच अपने एसेट्स का आबंटन करते हैं.

इक्विटी-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड अपनी संपत्ति इक्विटी और इक्विटी-संबंधित उपकरणों में निवेश करते हैं और शेष ऋण में निवेश करते हैं. कुल असेट का कम से कम 65% इक्विटी और इक्विटी-संबंधित उपकरणों में निवेश करते हैं .कर प्रयोजनों के लीए, इन फंड्स को इक्विटी फंड माना जाता है.

डेब्ट-ओरीएंटेड हाइब्रिड फंड्स डेब्ट सिक्योरिटीज में अपने एसेट्स में से कम से कम 60% निवेश करती हैं और उन्हें कर प्रयोजनों के लिए डेब्ट फंड्स माना जाता है.

म्यूच्यूअल फंड्स को उनकी संरचना के आधार पर वर्गीकृत त किया जा सकता है,
और तीन प्रकार के फंड हैं.

  • ओपन-एंडेड
  • क्लोज-एंडेड
  • इंटरवल फं ड

ओपन-एंडेड फंड पूरे वर्ष खरीद और बिक्री के लिए उपलब्ध हैं

क्लोज-एंडेड फंड, दसूरी ओर नए फंड ऑफर (एनएफओ (NFO)) अवधि के दौरान ही खरीदे जा सकते हैं और एक निच्छित परिपक्वता अवधि के बाद ही रिडीम किये जा सकते है.

इंटरवल फंड्स में ओपन-एंडेड और क्लोज-एंडेड दोनों फंड्स की विशेषताएं शामिल होती हैं. फंड हाउस इंटरवल पर खरीद और बिक्री के लीए फंड्स खोलते है इंटरवल पीरियड के दौरान, फंड हाउस सामान्यतः निवेशकों यूनिट खरीदते हैं जो की बाहर निकलना चाहते हैं.

म्यूचुअल फंड नेट एसेट वैल्यू (NAV) फंड की प्रति यूनिट कीमत को मापता है. दूसरे शब्दों में, NAV वह मूल्य है जिस पर निवेशक AMC से यूनिट खरीद या रिडीम कर सकते हैं. यह म्यूचुअल फंड का आंतरिक मूल्य है.

आम तौर पर, फंड हाउस म्यूचुअल फंड यूनिट्स को 10 रुपये के आधार मूल्य पर जारी करते हैं. यह मूल्य बढ़ता है क्योंकि फंड मैनेजमेंट के तहत संपत्ति (AUM) के मूल्य में वृद्धि करता है. इसी तरह, जब कोष का बाजार मूल्य घटता है तो NAV मूल्य गिर सकता है. इस प्रकार, NAV एक फंड के सही मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है.

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